मोटापा घटाना है तो घर के बाहर उतारिये जूते
सुमन कुमार
आज कल की जीवनशैली में शरीर पर बढ़ती चर्बी हर व्यक्ति की परेशानी का कारण है। लोग इस चर्बी को कम तो करना चाहते हैं मगर इसके लिए जो उपाय करने होते हैं वो बहुत लोग कर नहीं पाते और नतीजतन उनका मोटापा जस का तस रहता है और कई लोगों का तो बढ़ता भी जाता है। मगर अब एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि घर में प्रवेश से पहले जूते उतारने से व्यक्ति के चुस्त-दुरुस्त रहने में मदद मिल सकती है क्योंकि यह हार्मोन में बदलाव लाने वाले रसायनों को घर के भीतर जमा होने से रोकता है।
गौरतलब है कि भारतीय संस्कृति में सदियों पहले से घर में जूता ले जाना प्रतिबंधित रहा है। समय बदलने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति की अन्य परंपराओं की तरह ये परंपरा भी पीछे छूटती चली गई मगर अब वैज्ञानिकों ने बताया है कि आखिर क्यों जूता को घर के बाहर ही उतार देना चाहिए।
दरअसल हमारे शरीर में चर्बी एकत्र करने वाले और उनके प्रसंस्करण के लिए जिम्मेदार रसायनों को ‘ओबसोजिन्स’ कहा जाता है। इन रसायनों को ही मोटापे के बढ़ते मामलों के लिए संभावित तौर पर जिम्मेदार बताया जाता है।
पुर्तगाल स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ एवियरो एवं यूनिवर्सिटी ऑफ बेयारा इंटीरियर के अनुसंधानकर्ताओं ने पहले से किए गए अध्ययनों की समीक्षा की और बताया कि भोजन, घरों की धूल और साफ-सफाई, रसोई या साज-सज्जा में प्रयुक्त रसायनों जैसे दैनिक इस्तेमाल की वस्तुओं के जरिये ये ओबसोजिन्स घर में पहुंचते हैं।
लिस्बन विश्वविद्यालय की अना कैटरीना सोसा ने कहा, ‘ओबसोजिन्स किसी भी जगह मिल सकता है। हमारा खाना इसका सबसे बड़ा स्रोत है क्योंकि कुछ कीटाणुनाशक और कृत्रिम मीठे पदार्थ ओबजिन्स हैं।’
सोसा ने कहा, ‘इसी प्रकार वे प्लास्टिक और घरेलू सामानों में विद्यमान होते हैं। इसलिए पूरी तरह उसके संपर्क से बाहर होना बहुत मुश्किल है लेकिन उल्लेखनीय रूप से उसमें कमी लाना ना सिर्फ मुमकिन है बल्कि बहुत आसान भी है।’
इस अध्ययन के आधार पर अनुसंधानकर्ताओं ने घर में प्रवेश करते समय जूते खोलने का सुझाव दिया ताकि ऐसे दूषित पदार्थ जूते के सोल के जरिये घर में ना पहुंच सकें। उन्होंने समय-समय पर सफाई करने और घर या कार्यस्थल पर कम-से-कम कारपेट बिछाने के लिए भी कहा है।
अनुसंधानकर्ताओं ने लोगों को ताजा खाना खाने और ऑर्गेनिक फलों को तरजीह देने का परामर्श दिया।
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